सिद्धवट उज्जैन – मोक्षदायी वट वृक्ष की पौराणिक कथा

सिद्धवट उज्जैन में स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मोक्षदायिनी स्थान माना जाता है। यह वट वृक्ष केवल एक साधारण वृक्ष नहीं, बल्कि एक सिद्ध स्थान है, जहां पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सिद्धवट उज्जैन
सिद्धवट उज्जैन

उज्जैन के महाकाल क्षेत्र में स्थित यह स्थान धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।


❖ सिद्धवट की पौराणिक कथा

1. माता पार्वती और भगवान शिव की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने यहां भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। उनकी कठोर साधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि यह स्थान सिद्धपीठ के रूप में प्रसिद्ध होगा और जो भी यहां श्रद्धा से पूजा करेगा, उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

2. राजा परीक्षित और पिंडदान की कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, जब राजा परीक्षित को श्राप के कारण तक्षक नाग ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गई, तो उनके पुत्र जनमेजय ने यहां आकर पिंडदान किया। तब से यह स्थान पितृ तर्पण के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया।

3. मार्कंडेय ऋषि और अमरत्व का वरदान

महर्षि मार्कंडेय ने यहां कठोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया। कहा जाता है कि इस स्थान पर साधना करने से सिद्धि प्राप्त होती है, इसलिए इसे “सिद्धवट” कहा जाता है।


❖ सिद्धवट का धार्मिक महत्व

  1. पितृ तर्पण और श्राद्ध – सिद्धवट को गया, प्रयाग और काशी की तरह ही पितरों के तर्पण और पिंडदान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  2. मोक्ष प्राप्ति का स्थान – यहां पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मोक्ष मिलता है और कुल का उद्धार होता है।
  3. शक्ति और सिद्धि का केंद्र – यहां कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या की थी, जिससे इसे सिद्धि प्राप्ति का स्थान माना जाता है।
  4. महाकाल क्षेत्र का हिस्सा – उज्जैन स्वयं महाकाल की नगरी है और सिद्धवट इस क्षेत्र का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।

❖ सिद्धवट उज्जैन पर होने वाले प्रमुख अनुष्ठान

पिंडदान और तर्पण – अमावस्या, पितृपक्ष और विशेष तिथियों पर यहां हजारों श्रद्धालु पितरों का तर्पण करते हैं।
महामृत्युंजय जाप – इस जाप से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
गायत्री मंत्र अनुष्ठान – विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति और आत्मिक शांति के लिए किया जाता है।
नवग्रह शांति हवन – ग्रहों की शांति और पितृ दोष निवारण के लिए सिद्धवट पर विशेष हवन किए जाते हैं।


❖ उपसंहार

अगर आप अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कोई पवित्र स्थान खोज रहे हैं, तो सिद्धवट उज्जैन एक अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहां आकर श्रद्धालु न केवल अपने पितरों को तर्पण अर्पित करते हैं, बल्कि स्वयं को भी आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर लेते हैं।

“हर हर महादेव! जय सिद्धवट!”