
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथा
महाकालेश्वर की कथा | Mahakaleshwar Temple Story – उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष माना जाता है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे सबसे शक्तिशाली और स्वयंभू (स्वयं प्रकट) ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इस ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति की कथा अत्यंत रोचक और दिव्य है।
❖ महाकालेश्वर की कथा | Mahakaleshwar Temple Story
प्राचीन काल में अवंती (वर्तमान उज्जैन) नगरी में राजा चंद्रसेन राज्य करते थे, जो भगवान शिव के परम भक्त थे। उसी नगर में एक बालक, श्रद्धावान, भी भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। वह प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता था।

एक दिन, राजा चंद्रसेन को एक दुर्लभ रत्न प्राप्त हुआ, जिसे देखकर अन्य राजाओं में लोभ उत्पन्न हो गया। वे राजा पर आक्रमण करने की योजना बनाने लगे। इन आक्रमणकारी राजाओं में शक्तिशाली दैत्य दूषण भी था, जो शिव-भक्तों का विरोधी था। उसने उज्जैन पर आक्रमण कर दिया और वहां के ब्राह्मणों एवं शिव-भक्तों को प्रताड़ित करने लगा।
भयभीत श्रद्धालु भगवान शिव से रक्षा की प्रार्थना करने लगे। उनकी श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और दूषण एवं उसकी सेना का संहार कर दिया। इस प्रकार, भक्तों की रक्षा करने के लिए भगवान शिव महाकाल के रूप में प्रकट हुए। तब से इस स्थान पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई।
❖ महाकालेश्वर का विशेष महत्व
- स्वयंभू ज्योतिर्लिंग – यह ज्योतिर्लिंग स्वयं प्रकट हुआ है, इसलिए इसे अत्यंत जाग्रत एवं शक्तिशाली माना जाता है।
- काल के अधिपति – महाकालेश्वर को समय (काल) का स्वामी कहा जाता है। भक्तों का मानना है कि इनकी कृपा से जीवन-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है।
- भस्म आरती – महाकालेश्वर मंदिर की प्रसिद्ध भस्म आरती अत्यंत दुर्लभ और अनूठी है। यह आरती प्रातः काल में होती है और भगवान शिव को चिता की भस्म से अर्पित की जाती है।
❖ उपसंहार
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग केवल एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और शिवत्व की शक्ति का प्रतीक है। श्रद्धालु यहां आकर भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनके चरणों में अपने जीवन के सारे कष्ट समर्पित कर देते हैं।
अगर आप भी महाकालेश्वर की दिव्यता का अनुभव करना चाहते हैं, तो एक बार उज्जैन अवश्य जाएं और भगवान महाकाल के दर्शन करें। “हर हर महादेव!”