मंगलनाथ मंदिर उज्जैन – मंगल ग्रह की जन्मस्थली

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन का एक प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर है, जिसे मंगल ग्रह की जन्मस्थली माना जाता है। यह मंदिर अद्वितीय है क्योंकि यह देश का एकमात्र स्थान है जहाँ विशेष रूप से मंगल ग्रह की शांति और दोष निवारण के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। उज्जैन को हिंदू धर्म में “ग्रीनविच ऑफ इंडिया” भी कहा जाता है, क्योंकि यह कर्क रेखा के पास स्थित है और इसे वैदिक काल में शून्य रेखा (Prime Meridian) के रूप में माना जाता था।


❖ मंगलनाथ मंदिर की पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार, एक बार पृथ्वी पर अत्याचारी राक्षसों का आतंक बढ़ गया। इन राक्षसों के नाश के लिए माता पृथ्वी ने भगवान शिव की उपासना की। भगवान शिव प्रसन्न हुए और उनके ललाट से एक तेजस्वी पुत्र उत्पन्न हुआ, जिसे मंगल नाम दिया गया। यही कारण है कि मंगलनाथ को मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है।

अन्य कथा के अनुसार, महाभारत काल में उज्जैन को अवन्तिका नगरी के रूप में जाना जाता था। यहां भगवान शिव ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए मंगलनाथ क्षेत्र में स्वयं प्रकट होकर राक्षसों का संहार किया था। तभी से यह स्थान मंगल ग्रह की विशेष पूजा के लिए प्रसिद्ध हो गया।


❖ मंगलनाथ मंदिर का ज्योतिषीय महत्व

  1. मंगल दोष निवारण – जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल दोष, मांगलिक दोष, या अंगारक योग होता है, उनके लिए यहां विशेष पूजन किया जाता है।
  2. राहु-केतु दोष निवारण – इस मंदिर में ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए राहु-केतु दोष निवारण पूजा भी की जाती है।
  3. विदेश यात्रा योग – मंगल ग्रह से जुड़े कुछ विशेष योग होने पर यहां पूजा करने से विदेश यात्रा के योग भी मजबूत होते हैं।
  4. शत्रु नाश और कर्ज मुक्ति – मंगल को शक्ति और साहस का ग्रह माना जाता है। यहां पूजा करने से शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है और कर्ज से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है।

❖ मंगलनाथ मंदिर में पूजा और अनुष्ठान

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन

मंगलनाथ मंदिर में मंगलवार और रविवार को विशेष रूप से श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। यहाँ कई विशेष पूजा करवाई जाती हैं:

मंगल ग्रह शांति पूजा – यह पूजा मंगल के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है।
रूद्राभिषेक – भगवान शिव की कृपा पाने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।
महामृत्युंजय जाप – यह जाप दीर्घायु और स्वास्थ्य लाभ के लिए करवाया जाता है।
हनुमान चालीसा पाठ – मंगल ग्रह का संबंध भगवान हनुमान से भी है, इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ विशेष फलदायी होता है।


❖ उपसंहार

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली ज्योतिषीय केंद्र भी है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें यहां आकर विशेष पूजा करनी चाहिए। साथ ही, यह मंदिर अपनी अद्वितीय ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति के कारण हर भक्त को दिव्य अनुभूति कराता है।

अगर आप मंगल दोष से मुक्ति चाहते हैं या अपने जीवन में साहस और शक्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो एक बार मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन में अवश्य जाएं। हर हर महादेव! जय मंगलनाथ!