शारदीय नवरात्रि 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और माँ दुर्गा के नौ रूपों की कथा

शारदीय नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का सबसे बड़ा पर्व है। हर साल यह अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक मनाया जाता है। 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगी। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना, व्रत और हवन किया जाता है।

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है। यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में बुराई का अंत और अच्छाई का उत्सव होना ही धर्म का मार्ग है। नवरात्रि में माँ दुर्गा से शक्ति, ज्ञान, स्वास्थ्य और सुख की प्राप्ति के लिए व्रत और पूजा की जाती है।

शारदीय नवरात्रि 2025 तिथि (Navratri 2025 Dates)

  • प्रारंभ — 22 सितंबर 2025 (सोमवार)
  • समापन — 30 सितंबर 2025 (मंगलवार)

कलश स्थापना और पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान कर शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें।
  2. मिट्टी के पात्र में जौ बोएं और कलश स्थापित करें।
  3. माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर पूजन आरंभ करें।
  4. नौ दिनों तक माँ के नौ स्वरूपों की पूजा करें।
  5. दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन करें।
  6. नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत का समापन करें।

माँ दुर्गा के नौ रूप

  1. शैलपुत्री
  2. ब्रह्मचारिणी
  3. चंद्रघंटा
  4. कूष्मांडा
  5. स्कंदमाता
  6. कात्यायनी
  7. कालरात्रि
  8. महागौरी
  9. सिद्धिदात्री

नवरात्रि कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, राक्षस महिषासुर ने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। देवताओं की प्रार्थना पर त्रिदेवों की शक्तियों से माँ दुर्गा का प्राकट्य हुआ। नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध कर माँ दुर्गा ने उसे पराजित किया। तभी से यह पर्व शक्ति की उपासना के रूप में मनाया जाता है।

इस समय क्या करें?

  • प्रतिदिन माँ दुर्गा के भजन और पाठ करें।
  • व्रत रखें और सात्विक भोजन करें।
  • घर में अखंड ज्योत जलाएं।
  • जरूरतमंदों को दान करें।

विशेष मान्यता

कहा जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत, उपासना और सेवा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। माँ दुर्गा हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करती हैं।

उपसंहार

शारदीय नवरात्रि शक्ति, भक्ति और विश्वास का पर्व है। माँ दुर्गा के चरणों में आस्था रखने से जीवन में कभी भय नहीं आता। यह पर्व हमें जीवन में सकारात्मकता और सफलता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।


शारदीय नवरात्रि 2025 (Navratri 2025) FAQs

1. शारदीय नवरात्रि 2025 (Navratri 2025) कब से शुरू होगी?
शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 29 सितंबर 2025 (सोमवार) से होगी और समापन 7 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को होगा।

2. शारदीय नवरात्रि का क्या महत्व है?
यह नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का पर्व है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत और शक्ति, भक्ति और आत्मशुद्धि के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

3. शारदीय नवरात्रि में कौन-कौन से देवी के रूप पूजे जाते हैं?
नवदुर्गा के रूप:

  1. शैलपुत्री
  2. ब्रह्मचारिणी
  3. चंद्रघंटा
  4. कूष्मांडा
  5. स्कंदमाता
  6. कात्यायनी
  7. कालरात्रि
  8. महागौरी
  9. सिद्धिदात्री

4. शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना कब करनी चाहिए?
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में नवरात्रि के पहले दिन की जाती है। 2025 में यह 29 सितंबर को प्रातः शुभ मुहूर्त में की जाएगी।

5. नवरात्रि में कौन-कौन से नियम का पालन करना चाहिए?

  • सात्विक भोजन करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  • माता की आरती और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

6. क्या नवरात्रि में व्रत रखना आवश्यक है?
व्रत रखना व्यक्ति की श्रद्धा पर निर्भर करता है। बहुत से लोग पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं, जबकि कुछ लोग पहले और आखिरी दिन उपवास करते हैं।

7. नवरात्रि में कौन से भोग देवी को अर्पित किए जाते हैं?
हर दिन अलग-अलग देवी को उनकी पसंदीदा वस्तु जैसे नारियल, फल, दूध, मिश्री, गुड़, हलवा, चने, केसर आदि अर्पित किए जाते हैं।

8. कन्या पूजन कब किया जाता है?
नवमी या अष्टमी तिथि को नौ कन्याओं को भोजन कराकर उनका पूजन किया जाता है।

9. नवरात्रि के दौरान कौन से मंत्र पढ़े जाते हैं?

  • “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः”
  • दुर्गा सप्तशती के श्लोक और कवच का पाठ भी किया जाता है।

10. नवरात्रि का समापन कैसे किया जाता है?
नवरात्रि का समापन हवन, कन्या पूजन और देवी के विसर्जन के साथ किया जाता है। इसके बाद परिवारजन प्रसाद ग्रहण करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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