
गोवर्धन पूजा 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और गोवर्धन पर्वत की कथा
दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र का अहंकार नष्ट करने और गोवर्धन पर्वत की पूजा की स्मृति में मनाया जाता है। 2025 में गोवर्धन पूजा 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा का अर्थ है प्रकृति और उसके संरक्षण का सम्मान। इस दिन गोवर्धन पर्वत का प्रतीक रूप में गोबर से चित्र बनाकर पूजा की जाती है और अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। श्रीकृष्ण ने इस दिन गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी।
गोवर्धन पूजा 2025 तिथि (Govardhan Pooja 2025 Dates)
- तिथि — 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
पूजा विधि
- प्रातःकाल घर को साफ कर रंगोली और अल्पना बनाएं।
- गोबर से गोवर्धन पर्वत का रूप बनाएं।
- अन्नकूट (विभिन्न पकवानों का भोग) बनाएं।
- दीप, धूप, पुष्प, जल से गोवर्धन पूजन करें।
- श्रीकृष्ण का स्मरण कर परिक्रमा करें।
गोवर्धन पर्वत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, इंद्रदेव के घमंड को समाप्त करने के लिए श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा। इंद्रदेव ने क्रोधित होकर वर्षा शुरू की, लेकिन श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी को बचाया। तब से यह पूजा हर वर्ष की जाती है।
क्या करें इस दिन?
- घर में अन्नकूट का आयोजन करें।
- गोवर्धन का प्रतीक बनाकर पूजा करें।
- जरूरतमंदों को भोजन और अन्न का दान करें।
- परिक्रमा और श्रीकृष्ण का भजन करें।
विशेष मान्यता
गोवर्धन पूजा करने से घर में खुशहाली, अन्न-धन की वृद्धि और परिवार में शांति बनी रहती है।
उपसंहार
गोवर्धन पूजा हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने का संदेश देती है। यह पर्व दर्शाता है कि अहंकार का अंत निश्चित है और सच्ची भक्ति से हर संकट से उबरा जा सकता है।
गोवर्धन पूजा 2025 (Govardhan Pooja 2025) FAQs
1. गोवर्धन पूजा 2025 कब मनाई जाएगी?
गोवर्धन पूजा 2025 दिवाली के अगले दिन, 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी।
2. गोवर्धन पूजा का महत्व क्या है?
गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर गांववासियों को इन्द्रदेव के प्रकोप से बचाने की याद में मनाई जाती है। यह प्रकृति और भगवान के प्रति आभार का पर्व है।
3. गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है?
इस दिन गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर गाय के गोबर से पर्वत का स्वरूप बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है। लोग अन्नकूट (विभिन्न प्रकार के पकवान) बनाते हैं और भगवान को अर्पित करते हैं।
4. गोवर्धन पूजा के दिन कौन-कौन से विशेष उपाय किए जाते हैं?
लोग इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। गौ माता की पूजा करके आशीर्वाद लिया जाता है।
5. क्या गोवर्धन पूजा और अन्नकूट एक ही पर्व हैं?
जी हाँ, गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। इस दिन अनेक प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं और भगवान को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
6. गोवर्धन पूजा के समय क्या मंत्र पढ़े जाते हैं?
प्रमुख मंत्र:
‘गोवर्धन धराधराय नमः’
‘श्रीकृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः’
7. गोवर्धन पूजा में क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?
अन्नकूट के रूप में कई प्रकार के व्यंजन, मिठाइयां, फल और दूध से बनी चीजें भगवान को अर्पित की जाती हैं।
8. क्या गोवर्धन पूजा पर व्रत रखा जाता है?
कुछ लोग उपवास रखते हैं और शाम को पूजा-अर्चना के बाद भोजन ग्रहण करते हैं।
9. गोवर्धन पूजा करने से क्या लाभ होता है?
गोवर्धन पूजा करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और संकट से रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
10. क्या इस दिन गाय की पूजा का महत्व है?
हाँ, गोवर्धन पूजा पर गौ माता की पूजा विशेष महत्व रखती है क्योंकि गाय को मां का दर्जा दिया गया है और यह भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है।