
कार्तिक पूर्णिमा 2025: तिथि, महत्व, स्नान और पूजन विधि
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक दिन माना जाता है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और भगवान विष्णु-शिव की पूजा का विशेष महत्व है। 2025 में कार्तिक पूर्णिमा 7 नवंबर को मनाई जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से सौ जन्मों के पाप नष्ट होते हैं। यह दिन त्रिपुरासुर के वध की स्मृति में भी मनाया जाता है, जिसे भगवान शिव ने समाप्त किया था। इसे ‘त्रिपुरारी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2025 (Kartik Purnima 2025) तिथि
- तिथि — 7 नवंबर 2025 (शुक्रवार)
पूजन और स्नान विधि
- प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें।
- दीपदान करें और आकाशदीप जलाएं।
- भगवान विष्णु और शिव का पूजन करें।
- दान में अन्न, वस्त्र, दीपक और गाय दान करने का महत्व है।
- व्रत रखने वाले दिनभर फलाहार कर सकते हैं।
विशेष कथा
कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर तीनों लोकों को भयमुक्त किया था। तभी से इस दिन को देवताओं का उत्सव माना जाता है। यह दिन धर्म, पुण्य और मोक्ष प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
क्या करें इस दिन?
- गंगा स्नान अवश्य करें।
- मंदिरों में दीपक जलाएं।
- गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
- व्रत और भगवान शिव-विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
विशेष मान्यता
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया प्रत्येक पुण्यकर्म सौ गुना फल देता है। इस दिन मन, वाणी और कर्म की शुद्धता का पालन करना आवश्यक माना जाता है।
उपसंहार
कार्तिक पूर्णिमा हमें दान, तप, संयम और साधना का संदेश देती है। इस दिन का महात्म्य केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आत्मकल्याण के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
FAQ: कार्तिक पूर्णिमा 2025 (Kartik Purnima 2025)
प्रश्न 1: कार्तिक पूर्णिमा 2025 में कब है?
उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा 2025 में 6 नवंबर को मनाई जाएगी।
प्रश्न 2: कार्तिक पूर्णिमा का क्या महत्व है?
उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का अत्यंत पवित्र पर्व है। यह कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस दिन स्नान, दान, और दीपदान का विशेष महत्व होता है।
प्रश्न 3: कार्तिक पूर्णिमा पर क्या पूजा की जाती है?
उत्तर: इस दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव, तुलसी माता और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। गंगा स्नान और दीपदान भी किया जाता है।
प्रश्न 4: कार्तिक पूर्णिमा पर कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान होते हैं?
उत्तर: इस दिन गंगा स्नान, मंदिर दर्शन, दीपदान, व्रत, दान-पुण्य, कथा वाचन और अखंड कीर्तन जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं।
प्रश्न 5: कार्तिक पूर्णिमा पर दान का क्या महत्व है?
उत्तर: इस दिन अन्न, वस्त्र, धन, और जरूरतमंदों को दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
प्रश्न 6: कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान क्यों किया जाता है?
उत्तर: दीपदान से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
प्रश्न 7: कार्तिक पूर्णिमा पर कौन सा मंत्र पढ़ा जाता है?
उत्तर: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “ॐ नमः शिवाय” मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
प्रश्न 8: क्या कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखना आवश्यक है?
उत्तर: हां, बहुत से श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और दिनभर पूजा-अर्चना और सेवा करते हैं।
प्रश्न 9: क्या इस दिन तीर्थ यात्रा का महत्व है?
उत्तर: जी हां, कार्तिक पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान, विशेष रूप से गंगा स्नान, अत्यंत फलदायी माना जाता है।
प्रश्न 10: कार्तिक पूर्णिमा का आध्यात्मिक संदेश क्या है?
उत्तर: यह पर्व हमें दया, सेवा, संयम, और धार्मिक आस्था के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है। दीपदान और दान से जीवन में उजाला और सकारात्मकता आती है।