देव दीपावली 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और विशेष परंपरा

देव दीपावली काशी (वाराणसी) का प्रसिद्ध पर्व है, जिसे ‘देवों की दीपावली’ कहा जाता है। यह पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन गंगा घाटों पर दीपों की श्रृंखला सजाई जाती है और मां गंगा की आरती की जाती है। 2025 में देव दीपावली 7 नवंबर को मनाई जाएगी।

देव दीपावली का महत्व

देव दीपावली का पर्व देवताओं द्वारा दीयों के माध्यम से पृथ्वी पर उतरने और उत्सव मनाने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और पूजन का विशेष महत्व है।

देव दीपावली 2025 (Dev Diwali 2025) तिथि

  • तिथि — 7 नवंबर 2025 (शुक्रवार)

पूजन विधि

  1. प्रातःकाल गंगा स्नान करें और घाट की सफाई करें।
  2. गंगा घाट पर दीप जलाकर सजावट करें।
  3. मां गंगा, भगवान शंकर और कार्तिकेय का पूजन करें।
  4. दीपों की श्रृंखला बनाकर घाट पर जलाएं।
  5. गंगा आरती में भाग लें।

विशेष परंपरा

काशी के सभी घाट इस दिन हजारों दीपों से जगमगा उठते हैं। गंगा आरती का भव्य आयोजन होता है। मंदिरों में भजन-कीर्तन चलता है और घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

क्या करें इस दिन?

  • गंगा स्नान करें और दीपदान करें।
  • भगवान शिव और गंगा माता की पूजा करें।
  • जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करें।
  • घाटों पर दीये जलाकर भाग्य और पुण्य अर्जित करें।

विशेष मान्यता

मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान और दीपदान करने से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

उपसंहार

देव दीपावली केवल काशी का पर्व नहीं बल्कि आस्था और प्रकाश का पर्व है। यह दिन हमें जीवन में भक्ति, प्रकाश और सकारात्मकता फैलाने की प्रेरणा देता है।


FAQ: देव दीपावली 2025 | Dev Diwali 2025

प्रश्न 1: देव दीपावली 2025 में कब मनाई जाएगी?
उत्तर: देव दीपावली 2025 में 6 नवंबर को मनाई जाएगी। यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन होती है।

प्रश्न 2: देव दीपावली का क्या महत्व है?
उत्तर: देव दीपावली को देवताओं की दिवाली कहा जाता है। इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं और दीप जलाकर उनका स्वागत किया जाता है।

प्रश्न 3: देव दीपावली कहां विशेष रूप से मनाई जाती है?
उत्तर: देव दीपावली वाराणसी (काशी) में बड़े धूमधाम और भव्यता से मनाई जाती है। गंगा घाटों पर हजारों दीये जलाए जाते हैं।

प्रश्न 4: इस दिन कौन से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?
उत्तर: गंगा स्नान, दीपदान, हवन, भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा, और घाटों पर आरती का आयोजन किया जाता है।

प्रश्न 5: देव दीपावली और सामान्य दीपावली में क्या फर्क है?
उत्तर: दीपावली अमावस्या को मनाई जाती है और लक्ष्मी जी का पूजन होता है, जबकि देव दीपावली पूर्णिमा को होती है और यह देवताओं के स्वागत का पर्व है।

प्रश्न 6: देव दीपावली पर कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
उत्तर: “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना शुभ होता है।

प्रश्न 7: देव दीपावली का आध्यात्मिक संदेश क्या है?
उत्तर: यह पर्व दिव्यता, प्रकाश और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय और संसार में ज्ञान और शांति का संदेश देता है।

प्रश्न 8: क्या इस दिन दान का महत्व है?
उत्तर: हां, इस दिन वस्त्र, अन्न और दीपदान का बहुत बड़ा महत्व होता है। दान करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

प्रश्न 9: क्या देव दीपावली केवल काशी में मनाई जाती है?
उत्तर: नहीं, हालांकि काशी इसकी प्रमुख जगह है, परंतु भारत के कई हिस्सों में लोग इस पर्व को श्रद्धा से मनाते हैं।

प्रश्न 10: क्या इस दिन व्रत रखना चाहिए?
उत्तर: हां, कई श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं, स्नान करते हैं और पूजा करके दिनभर धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं।

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