तुलसी विवाह 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और कथा

तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जो तुलसी माता और भगवान विष्णु (शालिग्राम) के विवाह के रूप में मनाया जाता है। इसे देवउठनी एकादशी के अगले दिन या द्वादशी पर संपन्न किया जाता है। इस पर्व से विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाता है। 2025 में तुलसी विवाह 4 नवंबर को मनाया जाएगा।

तुलसी विवाह का महत्व

तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। इस दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु (शालिग्राम) का विवाह संपन्न कराया जाता है। माना जाता है कि इस दिन पूजन करने से घर में सुख, शांति और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।

तुलसी विवाह 2025 (Tulsi Vivah 2025) तिथि

  • तिथि — 4 नवंबर 2025 (मंगलवार)

पूजन विधि

  1. तुलसी के पौधे को गमले में सजाएं और सुंदर मंडप बनाएं।
  2. शालिग्राम जी को पीताम्बर वस्त्र पहनाएं और मंडप में तुलसी के पास रखें।
  3. रोली, चावल, हल्दी, हलवा, नारियल, पुष्प से पूजन करें।
  4. तुलसी और शालिग्राम के विवाह की रस्में करें।
  5. मंगल गीत और भजन गाएं।
  6. सभी को प्रसाद वितरित करें।

तुलसी विवाह कथा

कथाओं के अनुसार, वृंदा नाम की एक देवी ने अपने पति जालंधर की रक्षा के लिए कठोर तपस्या की थी। भगवान विष्णु ने जालंधर का अंत कर दिया और जब वृंदा को यह पता चला, तो उन्होंने स्वयं को अग्नि में समर्पित कर दिया। उनकी भस्म से तुलसी का पौधा उत्पन्न हुआ। विष्णु जी ने उसे अपनी पत्नी स्वीकार किया और तभी से तुलसी विवाह की परंपरा प्रारंभ हुई।

क्या करें इस दिन?

  • घर में तुलसी पौधे को सजाएं और विवाह समारोह का आयोजन करें।
  • शालिग्राम भगवान को मंडप में स्थापित करें।
  • जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान दें।
  • कथा और भजन का आयोजन करें।

विशेष मान्यता

तुलसी विवाह के बाद ही विवाह मुहूर्त शुरू होते हैं। इस दिन का पूजन करने से कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

उपसंहार

तुलसी विवाह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह पवित्रता, विश्वास और प्रेम का पर्व भी है। यह दिन जीवन में मंगल और सुखद दांपत्य जीवन की कामना के साथ मनाया जाता है।


FAQ: तुलसी विवाह 2025 (Tulsi Vivah 2025)

प्रश्न 1: तुलसी विवाह 2025 (Tulsi Vivah 2025) में कब मनाया जाएगा?
उत्तर: तुलसी विवाह 2025 में 9 नवंबर को मनाया जाएगा। यह देवउठनी एकादशी से पूर्णिमा के बीच किसी भी शुभ दिन पर मनाया जाता है।

प्रश्न 2: तुलसी विवाह का क्या महत्व है?
उत्तर: तुलसी विवाह देवी तुलसी (तुलसी पौधे) और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह है। यह पर्व शादी के मौसम की शुरुआत का प्रतीक भी होता है।

प्रश्न 3: तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर: ऐसा माना जाता है कि तुलसी विवाह से घर में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य आता है। इसे विवाह योग्य कन्याओं के लिए भी शुभ माना जाता है।

प्रश्न 4: तुलसी विवाह कैसे किया जाता है?
उत्तर: तुलसी के पौधे को सजाकर दुल्हन के रूप में तैयार किया जाता है और शालिग्राम जी को वर के रूप में। मंत्रोच्चार और वैवाहिक विधि द्वारा विवाह सम्पन्न किया जाता है।

प्रश्न 5: तुलसी विवाह से जुड़ी कौन सी कथा प्रसिद्ध है?
उत्तर: कथा के अनुसार, असुर जालंधर की पत्नी वृंदा का रूप ही तुलसी बन गया और भगवान विष्णु ने उनके वचन अनुसार उनका विवाह स्वयं के साथ शालिग्राम स्वरूप में किया।

प्रश्न 6: क्या तुलसी विवाह का आयोजन घर पर किया जा सकता है?
उत्तर: हां, तुलसी विवाह को घर में भी पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। तुलसी के पौधे को आंगन में सजाया जाता है और पूजा की जाती है।

प्रश्न 7: तुलसी विवाह के दिन कौन से मंत्र पढ़े जाते हैं?
उत्तर: “ॐ तुलस्यै नमः” और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप इस दिन विशेष रूप से किया जाता है।

प्रश्न 8: क्या इस दिन व्रत का महत्व है?
उत्तर: हां, तुलसी विवाह के दिन व्रत रखकर पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन सुखी रहता है।

प्रश्न 9: क्या तुलसी विवाह के बाद दान करना चाहिए?
उत्तर: जी हां, तुलसी विवाह के बाद दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

प्रश्न 10: तुलसी विवाह का आध्यात्मिक संदेश क्या है?
उत्तर: तुलसी विवाह का संदेश है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ जीवन में हर कार्य किया जाए, जिससे प्रेम, सौहार्द और भक्ति बनी रहे।

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