
हरियाली तीज 2025 (Hariyali Teej 2025): तिथि, महत्व, पूजा विधि और पौराणिक कथा
हरियाली तीज विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व हरियाली, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। 2025 में हरियाली तीज 30 जुलाई को मनाई जाएगी।
हरियाली तीज का महत्व
इस पर्व का संबंध माता पार्वती और भगवान शिव से है। इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने तप से प्राप्त किया था। यह व्रत महिलाओं के जीवन में सुख, समृद्धि और अखंड सौभाग्य लाने वाला माना जाता है।
हरियाली तीज 2025 तिथि
- तिथि — 30 जुलाई 2025
- वार — बुधवार
पूजा विधि
- प्रात:काल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- मिट्टी या धातु की प्रतिमा में भगवान शिव और माता पार्वती की स्थापना करें।
- सिंदूर, चूड़ियां, मेंहदी और वस्त्र अर्पित करें।
- हरियाली से सजावट करें और झूला डालें।
- शिव-पार्वती की कथा पढ़ें और भजन-कीर्तन करें।
- शाम को व्रत का पारण करें।
व्रत का नियम
व्रत रखने वाली महिलाएं दिनभर निर्जल या फलाहार रहकर पूजा करती हैं। वे एक-दूसरे को तीज के उपहार, श्रृंगार और मिठाइयां देती हैं।
कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए 107 जन्मों तक तपस्या की थी। 108वें जन्म में उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी स्वीकार किया। उस समय तृतीया तिथि थी, जो हरियाली तीज के रूप में मनाई जाती है।
इस दिन क्या करें?
- सुहागिन महिलाएं झूला झूलें और पारंपरिक गीत गाएं।
- मेंहदी लगाएं और श्रृंगार करें।
- जरूरतमंद महिलाओं को वस्त्र, श्रृंगार का सामान और मिठाइयां दान करें।
- भगवान शिव-पार्वती की पूजा करके अखंड सौभाग्य की कामना करें।
विशेष मान्यता
कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से पति-पत्नी का जीवन सुखमय रहता है। नवविवाहित महिलाएं विशेष रूप से इस दिन व्रत करती हैं और अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
उपसंहार
हरियाली तीज न केवल एक पर्व है बल्कि प्रेम, समर्पण और अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। यह पर्व सिखाता है कि धैर्य, तपस्या और भक्ति से हर इच्छा पूर्ण हो सकती है। हरियाली तीज पर हर स्त्री को अपने जीवन को सुंदर और सकारात्मक बनाने का अवसर मिलता है।
FAQ – हरियाली तीज 2025 (Hariyali Teej 2025)
Q1: हरियाली तीज 2025 में कब है?
A1: हरियाली तीज 2025 में 29 जुलाई को मनाई जाएगी।
Q2: हरियाली तीज क्या है और क्यों मनाई जाती है?
A2: हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। महिलाएँ इस दिन व्रत रखकर सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
Q3: हरियाली तीज को क्या-क्या नामों से जाना जाता है?
A3: हरियाली तीज को श्रावणी तीज और छोटी तीज भी कहा जाता है।
Q4: हरियाली तीज पर कौन सी विशेष परंपरा होती है?
A4: इस दिन महिलाएँ हरे वस्त्र पहनती हैं, झूले झूलती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं और हरियाली तीज व्रत कथा सुनती हैं।
Q5: क्या हरियाली तीज का कोई आध्यात्मिक महत्व है?
A5: हाँ, यह पर्व जीवन में समर्पण, प्रेम और पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है।
Q6: हरियाली तीज पर कौन से देवी-देवता की पूजा की जाती है?
A6: इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है।
Q7: हरियाली तीज पर व्रत कैसे रखा जाता है?
A7: महिलाएँ पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और रात में कथा सुनने के बाद व्रत खोलती हैं।
Q8: क्या हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने का कोई विशेष महत्व है?
A8: जी हाँ, मेहंदी लगाने से सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है, और यह इस पर्व की विशेष परंपरा है।
Q9: हरियाली तीज में क्या विशेष भोजन बनाया जाता है?
A9: इस दिन घेवर, मालपुआ, पूड़ी, हलवा आदि पारंपरिक मिठाइयाँ और व्यंजन बनाए जाते हैं।
Q10: हरियाली तीज किस प्रदेश में विशेष रूप से मनाई जाती है?
A10: हरियाली तीज विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और हरियाणा में धूमधाम से मनाई जाती है।