
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 (Jagannath Rath Yatra 2025): जानिए तारीख, महत्व, परंपरा और कथा
जगन्नाथ रथ यात्रा एक भव्य और प्रसिद्ध हिंदू पर्व है, जिसे पूरे भारत में विशेष रूप से ओडिशा के पुरी में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर गुन्डिचा मंदिर ले जाया जाता है। 2025 में जगन्नाथ रथ यात्रा 29 जून को निकाली जाएगी।
रथ यात्रा का महत्व
रथ यात्रा का पर्व मानवता, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने मात्र से जीवन के सारे पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रथ यात्रा तिथि 2025
- तिथि — 29 जून 2025
- वार — रविवार
रथ यात्रा की परंपरा
- भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को विशाल रथों में विराजमान किया जाता है।
- रथ खींचने के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं।
- यह यात्रा पुरी के गुन्डिचा मंदिर तक जाती है, जो भगवान की मौसी का घर माना जाता है।
- 9 दिन वहां रहने के बाद ‘बहुड़ा यात्रा’ द्वारा भगवान वापसी करते हैं।
कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ घूमने निकलते हैं। यह यात्रा संसार को यह संदेश देती है कि भगवान अपने भक्तों के बीच आते हैं और उनसे सीधे संपर्क स्थापित करते हैं। रथ यात्रा का वर्णन स्कंद पुराण और ब्रह्म पुराण में भी मिलता है।
इस दिन क्या करें?
- रथ यात्रा में भाग लें या टीवी/ऑनलाइन माध्यम से दर्शन करें।
- भगवान जगन्नाथ का स्मरण करें और भजन-कीर्तन करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र का दान करें।
- मंदिर में दीपदान करें।
विशेष मान्यता
कहा जाता है कि जो व्यक्ति भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचता है या उस पर हाथ रखता है, उसे सात जन्मों तक मुक्ति का वरदान मिलता है। रथ यात्रा में भाग लेना अत्यंत पुण्यदायक है।
उपसंहार
जगन्नाथ रथ यात्रा भगवान के साथ चलने और जीवन में भक्तिपथ अपनाने का पर्व है। यह उत्सव श्रद्धा, समर्पण और प्रेम का संदेश देता है। रथ यात्रा हमें सिखाती है कि ईश्वर हर रूप में हमारे जीवन का हिस्सा हैं और वे हमें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
FAQ – जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 (Jagannath Rath Yatra 2025)
Q1: जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 (Jagannath Rath Yatra 2025) में कब होगी?
A1: जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 में 29 जून को निकाली जाएगी।
Q2: रथ यात्रा क्या है और क्यों मनाई जाती है?
A2: रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की वार्षिक यात्रा है, जिसमें उन्हें भव्य रथों में श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह परंपरा भक्तों को भगवान के दर्शन का विशेष अवसर देती है।
Q3: रथ यात्रा का आरंभ कहां से होता है?
A3: रथ यात्रा का शुभारंभ ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर से होता है।
Q4: रथ यात्रा कितने दिन चलती है?
A4: रथ यात्रा कुल 9 दिनों तक चलती है, जिसमें भगवान गुंडिचा मंदिर में विराजमान रहते हैं और फिर वापस श्रीमंदिर लौटते हैं, जिसे बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।
Q5: क्या रथ यात्रा के दौरान विशेष पूजा की जाती है?
A5: हाँ, इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की विशेष पूजा और भव्य आरती की जाती है।
Q6: क्या रथ यात्रा में भाग लेना सभी के लिए संभव है?
A6: हाँ, लाखों श्रद्धालु देश और दुनिया भर से आकर रथ यात्रा में भाग लेते हैं और भगवान के रथ को खींचने का पुण्य प्राप्त करते हैं।
Q7: रथ यात्रा के मुख्य रथों के नाम क्या हैं?
A7: भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष’, भगवान बलभद्र का रथ ‘तालध्वज’ और देवी सुभद्रा का रथ ‘दर्पदलना’ कहलाता है।
Q8: क्या रथ यात्रा टीवी या ऑनलाइन भी देखी जा सकती है?
A8: जी हाँ, आज के समय में रथ यात्रा का सीधा प्रसारण विभिन्न टीवी चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर किया जाता है।
Q9: क्या रथ यात्रा का कोई आध्यात्मिक महत्व भी है?
A9: हाँ, यह यात्रा जीवन में आध्यात्मिकता, सेवा, और समर्पण के भाव को सिखाती है और भगवान के निकट पहुंचने का एक श्रेष्ठ अवसर है।
Q10: रथ यात्रा में क्या विशेष भोग अर्पित किया जाता है?
A10: रथ यात्रा के दौरान भगवान को छप्पन भोग (56 प्रकार के व्यंजन) अर्पित किए जाते हैं।