
श्री चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और विशेष रूप से उनकी “चिंतामण” रूप में पूजा की जाती है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 11वीं से 12वीं शताब्दी का है और इसकी मूर्तियां स्वयंभू (स्वयं उत्पन्न) हैं।
विशेषताएं:
1. प्राचीनता: मंदिर की वास्तुकला और मूर्तियां इसकी प्राचीनता को दर्शाती हैं। यह मालवा शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
2. चिंतामण गणेश: यहां भगवान गणेश को “चिंताओं को हरने वाले देवता” के रूप में पूजा जाता है।
3. परिवार सहित गणेश: भगवान गणेश के साथ उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि भी विराजमान हैं।
4. नदी किनारा: मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।
5. लोकप्रियता: यह मंदिर उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण है।
मान्यता:
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से की गई प्रार्थना हर चिंता को दूर करती है। गणेश चतुर्थी, विशेष गणेश पूजन और बुधवार के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
कैसे पहुंचे:
यह मंदिर उज्जैन शहर से लगभग 7-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्थानीय टैक्सी, ऑटो रिक्शा या निजी वाहन से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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