गंगा नदी या माँ गंगा को धरती पर भगवान शिव लेकर आए थे। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जो हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है।

गंगा के धरती पर आगमन की कथा:

  • गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने की कथा में भगवान भगवान शिव की विशेष भूमिका है।
  • राजा भगीरथ ने अपने पितरों की मुक्ति के लिए गंगा को पृथ्वी पर लाने की प्रार्थना की थी। उनके कठोर तपस्या और समर्पण से भगवान शिव ने गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने का वचन दिया।
  • गंगा के अवतरण की कथा के अनुसार, गंगा पहले स्वर्ग लोक में रहती थी और उसे धरती पर लाने के लिए उसे शिव के द्वारा नियंत्रित किया गया था। जब गंगा धरती पर आ रही थीं, तो उनका वेग बहुत तेज था, जिससे पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने का खतरा था। तब भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटा (बालों) में समा लिया और उसे शांत किया।
  • इसके बाद, गंगा के जल को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में रखा और धीरे-धीरे उसे धरती पर प्रवाहित होने दिया। इस प्रकार, गंगा का जल शिव के आशीर्वाद से पृथ्वी पर आया और वह नदियों के रूप में फैल गई।

गंगा का महत्व:

  • गंगा को पवित्र नदी माना जाता है और इसके पानी को पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से, गंगाजल को एक विशेष धार्मिक महत्व है।
  • गंगा को देवी का रूप भी माना जाता है, जो लोगों को जीवनदायिनी, आशीर्वाद देने वाली और पवित्र करने वाली शक्ति प्रदान करती है।

इस प्रकार, गंगा नदी का धरती पर आगमन भगवान शिव के द्वारा हुआ, जो उनके कृपा और शक्ति का प्रतीक है।