श्रृंगेरी शारदा पीठ का इतिहास, महत्व और सनातन धर्म में योगदान

आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के संरक्षण, वेदों के प्रचार और अद्वैत वेदांत के प्रसार हेतु भारत के चारों दिशाओं में चार प्रमुख मठों की स्थापना की थी। दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व करने वाला मठ है — श्रृंगेरी शारदा पीठ, जो कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले में तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। यह मठ शिक्षा, संस्कृति और धर्म का महान केंद्र है और इसका योगदान सनातन धर्म के इतिहास में अमूल्य है।

श्रृंगेरी शारदा पीठ का इतिहास

श्रृंगेरी शारदा पीठ की स्थापना 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य जी ने की थी। कहा जाता है कि जब वे दक्षिण यात्रा पर निकले, तो उन्होंने तुंगभद्रा नदी के तट पर एक अद्भुत दृश्य देखा — एक सांप एक मेंढक को अपनी छाया से तेज धूप से बचा रहा था। इस करुणा और सहअस्तित्व के प्रतीक स्थल पर उन्होंने मठ की स्थापना की। मठ का नाम देवी शारदा (सरस्वती) के नाम पर रखा गया, जो ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं।

श्रृंगेरी शारदा पीठ का महत्व

  1. अद्वैत वेदांत का केंद्र:
    यह मठ अद्वैत वेदांत के प्रचार, अध्ययन और गहन साधना का प्रमुख केंद्र है।
  2. यजुर्वेद का प्रतिनिधित्व:
    श्रृंगेरी शारदा पीठ यजुर्वेद से संबंधित है और यजुर्वेद के अध्ययन व व्याख्या में यह मठ अग्रणी है।
  3. महावाक्य:
    इस मठ का महावाक्य है — “अहं ब्रह्मास्मि” (मैं ही ब्रह्म हूँ)।
  4. गुरु-शिष्य परंपरा:
    इस मठ में आज भी प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा का पालन किया जाता है।
  5. शास्त्र और संस्कृति का संरक्षण:
    मठ से जुड़े कई संस्कृत विद्यालय, वेदपाठशालाएं और अनुसंधान केंद्र कार्यरत हैं।

श्रृंगेरी शारदा पीठ की विशेषताएँ

  • यहां एक भव्य मंदिर है जो देवी शारदा को समर्पित है।
  • प्रतिवर्ष हजारों साधक और श्रद्धालु इस मठ में धर्मोपदेश, यज्ञ और वेद शिक्षा प्राप्त करने आते हैं।
  • मठ में विद्वानों द्वारा नियमित रूप से शास्त्रार्थ, वेद सम्मेलन और धार्मिक संगोष्ठियाँ आयोजित की जाती हैं।
  • यह मठ न केवल दक्षिण भारत में बल्कि पूरे देश में धर्म और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करता है।

वर्तमान में श्रृंगेरी शारदा पीठ

वर्तमान समय में श्रृंगेरी मठ सामाजिक सेवा, शिक्षा, धार्मिक जागरूकता और वैदिक संस्कृति के प्रचार का बड़ा केंद्र बना हुआ है। यहां से हर वर्ष अनेक विद्वान और वेदपाठी निकलते हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में सनातन धर्म की सेवा करते हैं।


FAQs

1. श्रृंगेरी शारदा पीठ की स्थापना किसने की थी?
श्रृंगेरी शारदा पीठ की स्थापना 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने की थी।

2. यह मठ कहाँ स्थित है?
यह मठ कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में, तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है।

3. श्रृंगेरी मठ किस वेद से संबंधित है?
यह मठ यजुर्वेद से संबंधित है।

4. इस मठ का महावाक्य क्या है?
इस मठ का महावाक्य है — “अहं ब्रह्मास्मि”

5. श्रृंगेरी शारदा पीठ का उद्देश्य क्या है?
सनातन धर्म, वेदों और अद्वैत वेदांत के ज्ञान का प्रचार, रक्षा और शिक्षा प्रदान करना।


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