परिचय:

भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirling) मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह पवित्र स्थान नर्मदा नदी के तट पर मंधाता पर्वत पर स्थित है, जिसका आकार स्वयं ‘ॐ’ (ओंकार) के समान प्रतीत होता है। यही कारण है कि इस ज्योतिर्लिंग को ओंकारेश्वर कहा जाता है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथा:

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार विद्याधर नामक राजा ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ओंकार पर्वत पर ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए।

एक अन्य कथा के अनुसार, देवताओं और दानवों के बीच हुए युद्ध में जब दानव शक्तिशाली हो गए, तब सभी देवताओं ने भगवान शिव की घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ज्योतिर्लिंग के रूप में यहाँ प्रकट हुए और देवताओं को विजय का आशीर्वाद दिया।


ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व:

  • यह नर्मदा नदी के पावन तट पर स्थित है, जिससे इसे विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • यहाँ दो ज्योतिर्लिंग स्थित हैं— ओंकारेश्वर (मंधाता पर्वत पर) और ममलेश्वर (नर्मदा के दूसरी ओर)।
  • इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से जीवन के समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
  • इसे भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली और जागृत ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

ओंकारेश्वर मंदिर की विशेषताएं:

  • मंदिर नर्मदा नदी के किनारे एक द्वीप पर स्थित है, जो ओंकार (ॐ) आकार का दिखता है।
  • यहां मंदिर में भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर के दर्शन किए जाते हैं।
  • मंदिर की स्थापत्य शैली प्राचीन नागर शैली की है।
  • ममलेश्वर मंदिर को भी ज्योतिर्लिंग माना जाता है, इसलिए इसे अर्ध ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है।

पूजा विधि और आरती:

  • प्रतिदिन प्रातः ५ बजे मंगला आरती होती है।
  • भक्तजन जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
  • नर्मदा तट पर विशेष नर्मदा आरती भी की जाती है।
  • महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य आयोजन होते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग यात्रा (Omkareshwar Jyotirling yatra) कैसे करें:

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: ओंकारेश्वर रोड रेलवे स्टेशन (12 किलोमीटर)
  • निकटतम हवाई अड्डा: इंदौर एयरपोर्ट (77 किलोमीटर)
  • सड़क मार्ग: इंदौर, उज्जैन और खंडवा से नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय:

  • अक्टूबर से मार्च के बीच का समय यात्रा के लिए उत्तम है।
  • महाशिवरात्रि, श्रावण मास और नवरात्रि के दौरान यहां विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं।

ओंकारेश्वर मंदिर के आसपास घूमने की जगहें:

  • ममलेश्वर मंदिर
  • सिद्धनाथ मंदिर
  • नर्मदा घाट और नाव यात्रा
  • गौतमी गंगा कुंड
  • अन्नपूर्णा मंदिर

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • यह एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो एक द्वीप पर स्थित है।
  • यहां का ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी समान रूप से पूजनीय है।
  • नर्मदा नदी में स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व है।

FAQs:

Q1: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कहां स्थित है?
उत्तर: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में, नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।

Q2: ओंकारेश्वर और ममलेश्वर में क्या अंतर है?
उत्तर: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंधाता पर्वत पर स्थित है, जबकि ममलेश्वर नर्मदा के दूसरी ओर स्थित एक प्राचीन शिवलिंग है। दोनों को समान रूप से पूजनीय माना जाता है।

Q3: ओंकारेश्वर यात्रा के लिए कौन सा मौसम उपयुक्त है?
उत्तर: सर्दियों का समय (अक्टूबर से मार्च) यात्रा के लिए सबसे उत्तम होता है।

Q4: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में विशेष पूजन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर: मंदिर परिसर में विशेष अभिषेक और रुद्राभिषेक की बुकिंग मंदिर समिति के माध्यम से की जा सकती है।

Q5: क्या ओंकारेश्वर मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की सुविधा है?
उत्तर: हां, कई प्लेटफॉर्म पर लाइव दर्शन और आरती की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।


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