जया एकादशी 2025: महत्व, कथा, पूजन विधि और लाभ

माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और सभी पापों के नाश, स्वर्ग प्राप्ति तथा मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, जया एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी बंधन समाप्त होते हैं और व्यक्ति परम सुख प्राप्त करता है।

जया एकादशी का महत्व

जया एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को भूत, प्रेत और पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है। यह व्रत हर प्रकार की बाधाओं और पापों का नाश कर देता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सौभाग्य आता है।

जया एकादशी तिथि 2025 (संभावित)

जया एकादशी 2025 में 7 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

जया एकादशी व्रत विधि

1. व्रत का संकल्प लेकर एक दिन पूर्व सात्विक भोजन करें।
2. प्रातः स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
3. धूप, दीप, पुष्प, तिल, फल और तुलसी पत्र अर्पित करें।
4. विष्णु सहस्त्रनाम और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
5. दिन भर उपवास रखें और रात्रि को जागरण कर भजन-कीर्तन करें।
6. अगले दिन ब्राह्मण भोजन कराकर दान देकर व्रत का पारण करें।

जया एकादशी व्रत कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, स्वर्गलोक में एक गंधर्व माल्यवान और उसकी पत्नी पुष्पवती रहते थे। एक बार गलती से इंद्रसभा में उनका ध्यान भटक गया, जिससे इंद्र ने उन्हें पिशाच योनि में भेज दिया। कई वर्षों तक उन्होंने कष्ट भोगा। माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को उन्होंने अज्ञात रूप में उपवास और प्रभु स्मरण किया। इस पुण्य से उन्हें पिशाच योनि से मुक्ति मिली और वे पुनः स्वर्ग में पहुंचे। तभी से इस व्रत का नाम जया एकादशी पड़ा।

जया एकादशी के लाभ

  • भूत, प्रेत और पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है।
  • पापों का नाश होता है।
  • स्वर्ग प्राप्ति और मोक्ष का मार्ग खुलता है।
  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • सौभाग्य और पुण्य की प्राप्ति होती है।


निष्कर्ष

जया एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति, सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए।

FAQs

Q1. जया एकादशी कब मनाई जाती है?
A. माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को।

Q2. जया एकादशी 2025 में कब है?
A. 7 फरवरी 2025 को।

Q3. क्या यह व्रत सभी बाधाओं को समाप्त करता है?
A. हां, सभी प्रकार के बंधन और बाधाओं का नाश करता है।

Q4. व्रत से क्या लाभ मिलता है?
A. पापों का नाश, स्वर्ग प्राप्ति, सुख, समृद्धि और मोक्ष।

Q5. क्या रात्रि जागरण आवश्यक है?
A. हां, रात्रि जागरण से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।

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