
उज्जैन में इस्कॉन मंदिर देवास रोड पर बना हुआ हुआ है। यह मंदिर अत्यंत सुंदर श्वेत मंदिर है जो संगमरमर से बना हुआ है और जिसपर बहुत सुंदर नक्काशियां की गई है। मंदिर परिसर में बड़े ही सुगंधित फूलों का बगीचा लगा हुआ है। यह मंदिर नानाखेड़ा बस स्टैंड के पीछे करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर इस्कॉन मंदिर की तरह यह भी तुलसी का बगीचा है जिसका उपयोग भगवान की माला बनाने के लिए किया जाता है।
यहां पर मदन मोहन और राधा की बड़ी ही मनमोहक और आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। साथ ही कृष्ण बलराम और कृष्ण रुक्मणि की प्रतिमा भी आपका मन मोह लेगी। इसके साथ ही मंदिर की छत पर कमल के फूल के ऊपर रासलीला करते हुए श्री कृष्ण और राधा का बड़ा ही सुंदर चित्रण किया हुआ है।
इस्कॉन मंदिर के प्रवर्तक पूज्यपाद गुरुजी की मनोहारी मूर्ति भी यहाँ स्थापित की गई है। स्वामी प्रभुपादजी के अथक प्रयासों के कारण दस साल के कम समय में ही समूचे विश्व में 108 मंदिरों का निर्माण हो चुका था। इस समय इस्कॉन समूह के तकरीबन 400 से अधिक मंदिरों की स्थापना हो चुकी है ।
गुरू भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी ने प्रभुपाद महाराज से कहा तुम युवा हो, तेजस्वी हो, कृष्ण भक्ति का विदेश में प्रचार-प्रसार करों। आदेश का पालन करने के लिए उन्होंने 59 साल की उम्र में संन्यास ले लिया और गुरु आज्ञा पूर्ण करने की कोशिश करने लगे।

इस्कॉन मंदिर में दर्शन खुलने की एक समय सारणी है, भक्तों को उसके अनुरूप ही भगवान के दर्शन होते है। इस्कॉन मंदिर में प्रतिदिन 9 आरतियां करने का विधान है, जो भक्त आरती का आनंद लेना चाहते है वो समय सारणी का अनुसरण करें।
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