
यदि किसी भी मानव को चाहे वो स्त्री हो या पुरुष, मृत्यु का भय सता रहा हो तो उस मानव को भगवान महाकाल की शरण में आना चाहिए और उनके दर्शन पूजन करने चाहिए।
उज्जैन में भगवान श्री शिव, महाकाल के रूप में विराजमान है जिन्हें स्वयं मृत्यु का देवता कहा जाता है। महाकाल के दर्शन करने मात्र से ही सबका भय चला जाता है।
भगवान महाकालेश्वर को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है महामृत्युंजय के जाप करने का। हमें प्रतिदिन महामृत्युंजय का जाप करना चाहिए इस जाप को करने से अकाल मृत्यु या आकस्मिक मृत्यु नहीं होती है और मृत्यु का भय नहीं रहता है। जो व्यक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जाप खुद से नहीं कर पता है वह उज्जैन में महामृत्युंजय के सवा लाख मंत्र का जप करवा सकता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहेसुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
Om Triy-Ambakam Yajaamahe Sugandhim Pusstti-Vardhanam |
Urvaarukam-Iva Bandhanaan Mrtyor-Mukssiiya Maa-[A]mrtaat ||
महामृत्युंजय मंत्र की रचना श्री मार्कंडेय ऋषि ने भगवान शिव की स्तुति के लिए किया था। जिस समय मृत्यु के देवता यम मार्कंडेय ऋषि के प्राण हरने आए थे। मार्कंडेय ऋषि अपने समय की सबसे ज्ञानी और परम शिव भक्त थे परंतु वे अल्प आयु थे।
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