
एक वर्ष में नवरात्रि चार बार आती है
1. चैत्र नवरात्रि
2. माघ गुप्त नवरात्रि
3. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि
4. शारदीय नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का यह पावन समय आत्मा की शुद्धि, ध्यान और भक्ति के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।
गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से ही साधना की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इनमें 9 दिन तक मां दुर्गा की तंत्र साधना व तंत्र सिद्धि की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, इन दिनों मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
हर युग में नवरात्रि का अपना अपना महत्व रहा है। सतयुग में चैत्र मास की नवरात्रि का अधिक प्रचलन था, वहीं त्रेतायुग में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का, द्वापर युग में माघ मास की गुप्त नवरात्रि और कलयुग में अश्विन और शारदीय नवरात्रि को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।