
उज्जैन को मंदिरों का शहर क्यों कहा जाता है?
उज्जैन, जिसे प्राचीन काल में अवन्तिका और उज्जयिनी के नाम से जाना जाता था, मध्य प्रदेश का एक प्राचीन और पवित्र शहर है। इसे “मंदिरों का शहर” कहा जाता है क्योंकि यहां अनगिनत प्राचीन और भव्य मंदिर स्थित हैं, जो अपनी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं।
उज्जैन को मंदिरों का शहर कहने के कारण
1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
- उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
- यह भगवान शिव का विशेष स्थान है और हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
- महाकालेश्वर मंदिर अपनी अद्वितीय भस्म आरती के लिए प्रसिद्ध है, जो प्रतिदिन तड़के की जाती है।
2. सप्त पुरियों में से एक
- उज्जैन को हिंदू धर्म में सात मोक्षदायिनी पुरियों में गिना जाता है।
- इसे मोक्ष प्राप्ति के लिए पवित्र स्थान माना गया है।
3. अनगिनत प्राचीन मंदिर
उज्जैन में सैकड़ों मंदिर स्थित हैं, जिनमें से कई ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
- काल भैरव मंदिर: भगवान काल भैरव को समर्पित, जहां विशेष रूप से मदिरा का भोग चढ़ाया जाता है।
- हरसिद्धि मंदिर: शक्तिपीठों में से एक, जहां देवी सती के शरीर का एक हिस्सा गिरा था।
- चिंतामणि गणेश मंदिर: भगवान गणेश का यह मंदिर भक्तों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रसिद्ध है।
- राम घाट: पवित्र शिप्रा नदी के किनारे स्थित घाट, जहां कुंभ मेले का आयोजन होता है।
4. कुंभ मेले का आयोजन
- उज्जैन को हर 12 साल में आयोजित सिंहस्थ कुंभ मेला का केंद्र माना जाता है।
- यह धार्मिक आयोजन इस बात को और प्रबल करता है कि उज्जैन मंदिरों और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र है।
5. पौराणिक महत्व
- उज्जैन को भगवान शिव, श्रीकृष्ण, और ऋषि-संतों से जुड़ी कई कथाओं का स्थल माना जाता है।
- विक्रमादित्य और कालिदास जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का संबंध भी इस शहर से है।
- यह स्थान कालचक्र के केंद्र पर स्थित है, जिसे धार्मिक और खगोलशास्त्रीय रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
6. सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता
- उज्जैन में वैष्णव, शैव, शक्ति, और जैन धर्म से संबंधित कई मंदिर हैं।
- यहां के मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने भी हैं।
उज्जैन के प्रमुख मंदिर
मंदिर का नाम | विशेषता |
---|---|
महाकालेश्वर मंदिर | 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक |
काल भैरव मंदिर | काल भैरव को मदिरा का भोग चढ़ाने की परंपरा |
हरसिद्धि मंदिर | शक्तिपीठों में से एक |
गढ़कालिका मंदिर | देवी कालिका को समर्पित |
चिंतामणि गणेश मंदिर | भगवान गणेश को समर्पित |
मंगलनाथ मंदिर | मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान |
उज्जैन का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से
उज्जैन सिर्फ मंदिरों का शहर नहीं है, बल्कि यह अध्यात्म, धर्म, और संस्कृति का एक संगम है। यह पवित्र भूमि भक्तों और पर्यटकों को अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा, भव्य मंदिरों, और सांस्कृतिक धरोहर के कारण आकर्षित करती है।
निष्कर्ष
उज्जैन को “मंदिरों का शहर” कहना इसलिए उचित है क्योंकि यह न केवल भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का निवास है, बल्कि यहां स्थित अन्य पवित्र मंदिर भी इसे आध्यात्मिक केंद्र बनाते हैं। यहां की हर गली और हर कोना धार्मिक इतिहास और सांस्कृतिक गौरव की कहानियों से भरा हुआ है। यह शहर न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सभी श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय तीर्थ स्थल है।