सावन सोमवार व्रत पूजा विधि और कथा: भोले बाबा को प्रसन्न करने का शुभ उपाय
सावन का महीना (Shravan Month) भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस पूरे महीने सोमवार के व्रत (Sawan Somvar Vrat) रखकर भक्त भोलेनाथ की कृपा पाते है। मान्यता है कि सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस ब्लॉग में हम आपको सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि, कथा, और महत्व के बारे में बताएंगे।
सावन सोमवार व्रत का महत्व
सावन मास में शिव की आराधना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सोमवार को शिव का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन व्रत रखकर बेलपत्र, दूध, और धतूरे से पूजा करने का विशेष फल मिलता है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए और गृहस्थ सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखते है।
सावन सोमवार व्रत कथा (Sawan Somvar Katha)
एक गाँव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी बहुत धार्मिक थी और हर सावन में सोमवार व्रत रखती थी। एक बार, उसने व्रत रखा लेकिन भूख से बेहोश हो गई। तभी शिव-पार्वती उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और उसे सोने के आभूषण दिए। अगले दिन, उसकी गरीबी दूर हो गई और घर में धन भर गया। यह देखकर पड़ोसियों ने भी व्रत शुरू किया। तब से यह कथा सावन सोमवार व्रत की महिमा बताती है।
सावन सोमवार व्रत पूजा विधि (Vidhi)
- सुबह की शुरुआत:
- सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग या शिव की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं।
- व्रत संकल्प:
- शिवलिंग के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- पूजा सामग्री:
- शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, भांग, और आक के फूल चढ़ाएं।
- सफेद चंदन और रुद्राक्ष की माला अर्पित करें।
- रुद्राभिषेक और आरती:
- “रुद्राष्टकम” या “शिव तांडव स्तोत्र” का पाठ करें।
- शिव आरती करके प्रसाद वितरित करें।
- उपवास:
- दिनभर निर्जला या फलाहार व्रत रखें।
- सूर्यास्त के बाद फल, साबुदाना, या सिंघाड़े का आटा खाएं।
- सावन के सोमवार:
- हर सोमवार शिव मंदिर जाकर जल चढ़ाएं और घंटी बजाएं।
पूजा सामग्री (Samagri)
- शिवलिंग, बेलपत्र, धतूरा, भांग
- दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल
- सफेद फूल, चंदन, रुद्राक्ष माला
- फल, मिठाई, धूप, दीपक
व्रत के लाभ
- शिव की कृपा से संकटों से मुक्ति
- विवाह में आ रही बाधाएं दूर होना
- स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक स्थिरता
- मनोवांछित फल की प्राप्ति
सावधानियाँ
- व्रत के दिन प्याज-लहसुन न खाएं
- झूठ बोलने या नकारात्मक विचारों से बचें
- शिवलिंग पर केतकी का फूल न चढ़ाएं
- सावन में पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करें
निष्कर्ष
सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat) शिव भक्तों के लिए अमृत के समान है। अगर आप भी जीवन में सुख-शांति और भोले बाबा का आशीर्वाद चाहते है, तो इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करें।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
Q1. क्या कुंवारे लड़के यह व्रत रख सकते है?
A. हां, यह व्रत सभी कर सकते है। कुंवारे मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए रख सकते है।
Q2. अगर व्रत में पानी पी लें तो क्या करें?
A. अगले सोमवार से फिर शुरू करें और संकल्प दोहराएं।
Q3. क्या सावन में मांस खा सकते है?
A. नहीं, सावन में सात्विक भोजन ही लेना चाहिए।
Q4. शिवलिंग पर कौन-सा फूल न चढ़ाएं?
A. केतकी और कनेर के फूल शिवजी को अप्रिय है।
यह ब्लॉग सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat Katha) से जुड़ी पूरी जानकारी देने का प्रयास है। भोले बाबा सभी की मनोकामनाएं पूरी करें!