परिचय:

भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (rameshvaram jyotirling) दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यह स्थान समुद्र के किनारे स्थित है और हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है। रामेश्वरम वह स्थान है, जहाँ भगवान श्रीराम ने लंका विजय से पहले शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी। इस मंदिर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है और यह चारधाम यात्राओं में भी शामिल है।


रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (rameshvaram jyotirling) का पौराणिक महत्व:

  • रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने रावण वध से पहले यहाँ रेत से शिवलिंग बनाया और पूजा की।
  • उन्होंने लंका जाने से पूर्व भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया था।
  • ऐसा माना जाता है कि रामेश्वरम के शिवलिंग का पूजन करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • रामेश्वरम को “पवित्रतम स्थल” कहा जाता है, क्योंकि यहाँ भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का भौगोलिक विवरण:

  • रामेश्वरम मंदिर बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के संगम स्थल के समीप स्थित है।
  • मंदिर का मुख्य आकर्षण इसका भव्य गोपुरम (मुख्य द्वार) और सबसे लंबी कॉरिडोर (गलियारा) है, जो वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।
  • इस मंदिर में दो शिवलिंग स्थित हैं — एक भगवान राम द्वारा स्थापित रामलिंगम और दूसरा विश्वलिंगम, जिसे लंका से हनुमान जी द्वारा लाया गया था।

कैसे पहुँचे रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग:

  1. हवाई मार्ग:
    • नजदीकी हवाई अड्डा मदुरई (174 किलोमीटर दूर) है।
  2. रेल मार्ग:
    • रामेश्वरम रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  3. सड़क मार्ग:
    • मदुरई, चेन्नई, कन्याकुमारी और तमिलनाडु के अन्य शहरों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

रामेश्वरम के प्रमुख आकर्षण:

  • रामनाथस्वामी मंदिर: विशाल और भव्य मंदिर जिसमें 22 पवित्र कुंड हैं, जिनके स्नान से पाप मुक्त होने का विश्वास है।
  • अग्नि तीर्थ: समुद्र तट जहां लोग स्नान करते हैं।
  • धनुषकोडी: वह स्थान जहाँ से भगवान राम ने रामसेतु का निर्माण कराया था।
  • राम झूला: जो पंबन पुल के पास स्थित है।
  • पंबन ब्रिज: समुद्र के ऊपर बना अद्भुत रेल और सड़क पुल।

रामेश्वरम यात्रा के लिए महत्वपूर्ण बातें:

  • मंदिर सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
  • मंदिर में पूजा और अभिषेक की विशेष व्यवस्थाएँ हैं।
  • यहाँ 22 पवित्र कुंडों का स्नान करने का विशेष महत्व है।

रामेश्वरम जाने का सही समय:

  • रामेश्वरम यात्रा के लिए नवंबर से अप्रैल का समय सबसे उत्तम है।
  • गर्मी के समय तापमान अधिक रहता है, इसलिए सर्दियों या मानसून के समय यात्रा करना अच्छा होता है।

FAQs:

Q1: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (rameshvaram jyotirling) कहाँ स्थित है?
उत्तर: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है।

Q2: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का क्या महत्व है?
उत्तर: यह वह स्थान है जहाँ भगवान श्रीराम ने शिवलिंग की स्थापना की थी और पूजा करके लंका विजय का आशीर्वाद प्राप्त किया था।

Q3: क्या रामेश्वरम चारधाम यात्रा का हिस्सा है?
उत्तर: हाँ, रामेश्वरम चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी और रामेश्वरम) का एक महत्वपूर्ण भाग है।

Q4: रामेश्वरम में क्या-क्या घूमने योग्य स्थान हैं?
उत्तर: रामनाथस्वामी मंदिर, धनुषकोडी, पंबन ब्रिज, अग्नि तीर्थ और राम झूला प्रमुख स्थान हैं।

Q5: रामेश्वरम जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उत्तर: नवंबर से अप्रैल का समय सबसे अच्छा है।


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