परिचय:

पापविमोचिनी एकादशी व्रत 2025 का महत्व और भी अधिक हो जाता है क्योंकि यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने का सर्वोत्तम मार्ग है। पापविमोचिनी एकादशी का व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि यह व्रत सभी पापों को नष्ट करने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। जो भी भक्त सच्चे मन से इस व्रत का पालन करता है, उसके जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है।

पापविमोचिनी एकादशी का महत्व:

पापविमोचिनी एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति देने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। इस व्रत को करने से मन, शरीर और आत्मा पवित्र हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। यह व्रत जीवन के सभी दोषों को दूर करता है और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।

पापविमोचिनी एकादशी व्रत कथा:

प्राचीन काल में चित्ररथ नामक एक तपस्वी था, जो अपने तप के लिए विख्यात था। एक दिन वह सुंदर वनों में भ्रमण कर रहा था और एक अप्सरा मोहिनी ने उसे मोहित कर लिया। चित्ररथ का तप भंग हो गया और उसने अपने तप का उल्लंघन किया। पश्चाताप में उसने नारद मुनि से मार्गदर्शन मांगा। नारद मुनि ने उसे पापविमोचिनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। चित्ररथ ने विधिपूर्वक इस व्रत का पालन किया और अपने पापों से मुक्त होकर पुनः अपने तप में स्थित हो गया। तभी से यह व्रत पापों का नाश करने वाला और मोक्षदायक माना जाता है।

पापविमोचिनी एकादशी व्रत 2025 की पूजन विधि

  1. प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु के चित्र या प्रतिमा को स्थापित करें।
  3. शुद्ध जल, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  4. भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  5. व्रत कथा का श्रवण और पाठ करें।
  6. पूरे दिन व्रत रखें; जल और फल का सेवन कर सकते हैं।
  7. रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन करें।
  8. द्वादशी के दिन ब्राह्मण भोजन और दान देकर व्रत का पारण करें।

पापविमोचिनी एकादशी व्रत के लाभ:

  1. पापों का शमन और आत्मा की शुद्धि होती है।
  2. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  3. कठिन परिस्थितियों से छुटकारा मिलता है।
  4. मानसिक और शारीरिक संतुलन प्राप्त होता है।
  5. भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  6. मोक्ष की प्राप्ति और जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है।

FAQs:

Q1. पापविमोचिनी एकादशी व्रत 2025 की तिथि कब है?

A1. पापविमोचिनी एकादशी व्रत 2025 की तिथि स्थानीय पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाएगी।

Q2. क्या इस व्रत को सभी कर सकते हैं?

A2. हां, श्रद्धा और भक्ति के साथ हर कोई इस व्रत को कर सकता है।

Q3. व्रत के दौरान क्या सेवन करें?

A3. उपवास के दौरान फल, दूध, सूखे मेवे का सेवन करें और अन्न-ग्रहण से बचें।

Q4. इस व्रत से क्या लाभ होते हैं?

A4. पापों से मुक्ति, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Q5. व्रत पारण कैसे करें?

A5. द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद ब्राह्मण भोजन, दान और पुण्य कार्य करके व्रत का पारण करें।

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