परिचय

निर्जला एकादशी हिंदू धर्म का सबसे कठिन और पुण्यदायक व्रत है। यह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आता है। इस दिन जल तक का सेवन नहीं किया जाता, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। निर्जला एकादशी व्रत 2025 का पालन करने से वर्षभर की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है और व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होते हैं। यह व्रत मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी खोलता है।

निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी का व्रत करने से अन्य सभी एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है। इस कठिन व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन के पापों का प्रायश्चित कर सकता है। इस दिन उपवास रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का वास होता है। यह व्रत मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।

निर्जला एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत काल में भीमसेन को उपवास करना कठिन लगता था। उन्होंने ऋषि व्यास से इसका समाधान पूछा। तब ऋषि व्यास ने बताया कि यदि वह वर्ष में केवल निर्जला एकादशी का व्रत पूर्ण श्रद्धा और नियम से कर लें, तो उन्हें सभी एकादशियों का फल प्राप्त होगा। भीमसेन ने यह व्रत किया और इसके प्रभाव से उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। यह कथा बताती है कि इस व्रत का कितना बड़ा प्रभाव होता है।

निर्जला एकादशी व्रत 2025 विधि

  1. प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु का ध्यान करें और पूजा स्थल पर मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  3. पीत वस्त्र अर्पित करें और फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी पत्र चढ़ाएं।
  4. निर्जल रहते हुए दिनभर व्रत रखें।
  5. व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।
  6. रात्रि में भजन-कीर्तन करें और जागरण करें।
  7. द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद ब्राह्मण को भोजन कराकर दान दें और व्रत का पारण करें।

निर्जला एकादशी व्रत के चमत्कारी लाभ

  1. वर्षभर की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है।
  2. समस्त पापों का नाश होता है।
  3. स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
  4. मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
  5. परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
  6. भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है।

FAQs:

Q1. निर्जला एकादशी व्रत 2025 की तिथि क्या है?
A1. निर्जला एकादशी व्रत 2025 की तिथि स्थानीय पंचांग के अनुसार देखें।

Q2. क्या निर्जला एकादशी का व्रत सभी कर सकते हैं?
A2. हां, लेकिन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए व्रत करें।

Q3. व्रत के दौरान क्या नियम होते हैं?
A3. बिना जल ग्रहण किए व्रत रखना और सात्विकता का पालन करना।

Q4. व्रत का मुख्य लाभ क्या है?
A4. सभी पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति।

Q5. व्रत का पारण कब करें?
A5. द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद पारण करें।

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