उज्जैन में शनि नवग्रह मंदिर या नवग्रह मंदिर ग्रह मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है और यह पाटन क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से नवग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर प्रत्येक ग्रह की मूर्तियों की पूजा की जाती है, और विशेष रूप से शनि देव की पूजा का खास महत्व है।


नवग्रह मंदिर का स्थान

  • पाटन क्षेत्र, उज्जैन, यह मंदिर मुख्य शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • मंदिर शनि देव के दर्शन और नवग्रहों के पूजन के लिए विशेष रूप से आकर्षित करता है।
  • यह स्थान उज्जैन के प्रमुख तीर्थ स्थलों से एक है और श्रद्धालु यहां ग्रह दोष, विशेष रूप से शनि दोष, से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।

नवग्रह मंदिर की विशेषताएं

  1. नवग्रह मूर्तियाँ:
    • यहाँ पर नौ ग्रहों की मूर्तियाँ स्थापित हैं, जिनकी पूजा नियमित रूप से की जाती है।
    • प्रत्येक ग्रह की मूर्ति के पास श्रद्धालु मंत्रों का उच्चारण करते हैं और विशेष पूजा करते हैं।
  2. शनि देव की पूजा:
    • शनि देव की विशेष पूजा यहाँ की जाती है। शनि के दोष को दूर करने के लिए विशेष तंत्र-मंत्र और पूजा विधियाँ हैं।
    • विशेषत: शनिवार के दिन यहां शनि देव की पूजा अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है।
  3. ग्रह दोष शांति:
    • यह मंदिर उन भक्तों के लिए एक प्रमुख स्थान है, जिनका ग्रह दोष उनके जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है।
    • यहाँ पूजा करने से ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

कैसे पहुंचे?

  1. रेलवे स्टेशन से दूरी:
    • उज्जैन रेलवे स्टेशन से नवग्रह मंदिर लगभग 7-8 किमी दूर है।
  2. सड़क मार्ग:
    • मंदिर तक पहुँचने के लिए ऑटो, टैक्सी, या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है।
  3. निकटतम प्रमुख स्थल:
    • महाकालेश्वर मंदिर और काल भैरव मंदिर इस स्थान के पास स्थित हैं।

निष्कर्ष

उज्जैन का नवग्रह मंदिर ग्रहों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ विशेष रूप से शनि देव की पूजा की जाती है। यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो ग्रह दोषों से मुक्ति की इच्छा रखते हैं।

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उज्जैन में शनि नवग्रह मंदिर इंदौर रोड पर होटल रुद्राक्ष के पास,क्षिप्रा नदी के किनारे पर स्थित है।

यहां पर भगवान शनि और नवग्रहों की पूजा शिवलिंग के रूप में होती है यह मंदिर अत्यंत शांत और प्राकृतिक वातावरण में बना हुआ है।

यहां पर क्षिप्रा की तीरे पर विशालकाय बरगद का पेड़ और ठंडी हवाएं मन को मोहित और आनंदित कर देती हैं।

उज्जैन में अगर आप जाते है तो शनि नवग्रह मंदिर में दर्शन हेतू आपको जरूर जाना चाहिए।

इस मंदिर में नवग्रहों की शांति की पूजा आदि भी करवा सकते हैं।