परिचय: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष स्थान है, और इन सभी एकादशियों में मोक्षदा एकादशी का महत्व सर्वोपरि माना जाता है। यह एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मोक्षदा एकादशी 2025 में शुभ तिथि और समय के अनुसार व्रत करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। आइए विस्तार से जानें मोक्षदा एकादशी 2025 का महत्व, कथा, पूजन विधि और लाभ।

मोक्षदा एकादशी का महत्व: मोक्षदा एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यकारी और पापों का नाश करने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को अपने जीवन में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी पितरों के उद्धार के लिए भी बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। भगवान विष्णु का पूजन और उनका स्मरण करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। इस व्रत का फल सहस्त्र अश्वमेध यज्ञ के समान माना गया है।

मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा: प्राचीन समय की कथा के अनुसार, चंपक नगर में वैखानस नामक राजा राज्य करते थे। एक रात उन्होंने स्वप्न में देखा कि उनके पिताजी नरक में कष्ट भोग रहे हैं और उनसे सहायता की प्रार्थना कर रहे हैं। राजा अत्यंत दुखी होकर मुनि पराशर के पास गए और अपनी समस्या बताई। मुनि ने ध्यान लगाकर बताया कि आपके पिता ने पिछले जन्म में कुछ पाप किए थे, जिसके कारण वे नरक में कष्ट पा रहे हैं। मुनि ने उन्हें मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया। राजा ने पूरे विधि-विधान से व्रत किया और उसका फल अपने पितरों को अर्पित किया। इससे उनके पिताजी को नरक से मुक्ति मिली और वे स्वर्गलोक को प्राप्त हुए। तभी से मोक्षदा एकादशी का महत्व और भी बढ़ गया।

मोक्षदा एकादशी 2025 पूजन विधि:

  1. प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
  3. पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें और विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  4. दीपक, धूप, पुष्प, फल, तुलसी दल और पंचामृत से भगवान का पूजन करें।
  5. श्री विष्णु सहस्त्रनाम और भगवद गीता का पाठ करें।
  6. संपूर्ण दिन उपवास रखें और संभव हो तो रात को जागरण करें।
  7. अगले दिन ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।

मोक्षदा एकादशी व्रत के लाभ:

  1. सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  2. पितरों का उद्धार होता है और उन्हें स्वर्ग प्राप्त होता है।
  3. मानसिक शांति, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  4. जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति आती है।
  5. मनोवांछित फल और जीवन में शुभ कार्यों की सिद्धि होती है।
  6. भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और आत्मा को शुद्धता प्राप्त होती है।

FAQs:

Q1. मोक्षदा एकादशी 2025 की तिथि क्या है?
A1. मोक्षदा एकादशी 2025 की सही तिथि जानने के लिए अपने स्थानीय पंचांग का अवलोकन करें।

Q2. क्या मोक्षदा एकादशी केवल मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाती है?
A2. हां, यह व्रत मुख्य रूप से मोक्ष और पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है, लेकिन यह जीवन में शांति और सकारात्मकता के लिए भी लाभकारी होता है।

Q3. क्या इस व्रत में फलाहार किया जा सकता है?
A3. हां, व्रत में फल, दूध और सूखे मेवे का सेवन किया जा सकता है। अन्न का त्याग आवश्यक है।

Q4. व्रत का पारण कब और कैसे करें?
A4. द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद ब्राह्मण भोजन और दान करने के पश्चात पारण करना चाहिए।

Q5. क्या मोक्षदा एकादशी व्रत स्त्रियां भी कर सकती हैं?
A5. हां, यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फलदायी है।

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