काल भैरव मंदिर, उज्जैन – महाकाल नगरी के रक्षक देवता

उज्जैन के काल भैरव मंदिर को महाकाल की नगरी का रक्षक देवता माना जाता है। यह मंदिर अपने अद्भुत रहस्यों और विशेष रूप से मद्य (शराब) के भोग के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि भगवान काल भैरव की पूजा करने से भय, नकारात्मक शक्तियाँ, शत्रु बाधा और ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं।

काल भैरव मंदिर, उज्जैन
काल भैरव मंदिर, उज्जैन

❖ काल भैरव की पौराणिक कथा

1. भगवान शिव के रुद्र अवतार की कथा

शिव पुराण के अनुसार, एक बार देवताओं और ऋषियों ने जब ब्रह्मा, विष्णु और महेश के बीच श्रेष्ठता को लेकर प्रश्न किया, तो भगवान ब्रह्मा ने शिवजी का अपमान कर दिया। इस पर भगवान शिव ने अपने रुद्र रूप से काल भैरव को प्रकट किया।

काल भैरव ने ब्रह्मा जी के पाँचवें सिर को काट दिया, जिससे उन्हें ब्राह्मण हत्या का दोष लगा। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने उज्जैन में तपस्या की और तब से यह स्थान काल भैरव का प्रमुख तीर्थ बन गया।

2. उज्जैन के नगर रक्षक

काल भैरव को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का प्रहरी (रक्षक) माना जाता है। मान्यता है कि बिना काल भैरव की पूजा किए महाकालेश्वर के दर्शन अधूरे माने जाते हैं।

3. मदिरा (शराब) के भोग की परंपरा

यह मंदिर एक रहस्यमयी स्थान है, जहाँ भगवान काल भैरव को मदिरा (शराब) का भोग लगाया जाता है। भक्त मदिरा का भोग अर्पित करते हैं, और आश्चर्यजनक रूप से, वह स्वयं ही शिवलिंग में समा जाती है!


❖ काल भैरव मंदिर का धार्मिक महत्व

  1. शत्रु बाधा और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति – भगवान काल भैरव की पूजा करने से भय, तंत्र-मंत्र, बुरी नजर, शत्रु बाधा से रक्षा होती है।
  2. भय और मानसिक तनाव से राहत – जो लोग अनजाने डर, मानसिक तनाव या बुरे स्वप्नों से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह मंदिर अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
  3. गुप्त साधनाओं का प्रमुख केंद्र – काल भैरव तंत्र साधना के प्रमुख देवता माने जाते हैं और यहाँ कई साधक विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
  4. ग्रह दोष और कालसर्प योग से मुक्ति – इस मंदिर में पूजा करने से राहु-केतु दोष, कालसर्प दोष, पितृ दोष जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

❖ काल भैरव मंदिर में होने वाले प्रमुख अनुष्ठान

मदिरा (शराब) का भोग – भगवान को विशेष रूप से मदिरा अर्पित की जाती है, जो अदृश्य रूप से स्वयं ही समाहित हो जाती है।
काल भैरव अष्टमी उत्सव – यह दिन विशेष रूप से काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित होता है।
शनिवार और रविवार को विशेष पूजा – इन दिनों में यहाँ विशेष हवन और पूजा की जाती है।
भैरव तंत्र साधना – विशेष रूप से तंत्र साधना करने वाले भक्त इस मंदिर में विशेष अनुष्ठान करते हैं।


❖ उपसंहार

उज्जैन का काल भैरव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि रहस्यों और शक्तियों का केंद्र है। जो भी श्रद्धालु श्रद्धा भाव से यहाँ पूजा करता है, उसे अद्भुत शक्ति, भय से मुक्ति और समृद्धि प्राप्त होती है। अगर आप उज्जैन जा रहे हैं, तो महाकालेश्वर के साथ-साथ काल भैरव के दर्शन अवश्य करें, क्योंकि बिना काल भैरव के दर्शन किए महाकालेश्वर की पूजा अधूरी मानी जाती है।

“जय काल भैरव! हर हर महादेव!”