
गंगा दशहरा 2025: जानिए तारीख, महत्व, पूजा विधि और पौराणिक कथा
गंगा दशहरा हिंदू धर्म का बेहद पावन पर्व है। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। 2025 में गंगा दशहरा 4 जून को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सारे पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से दस प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं। इस दिन व्रत, पूजा और दान का विशेष महत्व है। मां गंगा को पवित्रता, जीवन और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है।
गंगा दशहरा 2025 तिथि (Ganga Dussera 2025 Dates)
- तिथि — 4 जून 2025
- वार — बुधवार
पूजा विधि
- प्रात:काल स्नान करके गंगा तट जाएं या घर पर गंगाजल से स्नान करें।
- गंगा माता की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
- धूप, पुष्प, अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें।
- गंगा स्तोत्र या गंगा लहरी का पाठ करें।
- दस बार ‘गंगे च यमुने चैव…’ मंत्र का जाप करें।
- गंगा जल को घर में छिड़कें और अपने घर को पवित्र करें।
कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा ने धरती पर अवतरण किया। गंगा के वेग को संभालने के लिए भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा को धारण किया और फिर धीरे-धीरे उन्हें धरती पर प्रवाहित किया। इस दिन गंगा माता के दर्शन और स्नान से जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
गंगा दशहरा पर क्या करें?
- गंगा में स्नान करें और पूजा करें।
- जरूरतमंदों को जल, फल, वस्त्र और धन का दान करें।
- गाय, ब्राह्मण और गरीबों को भोजन कराएं।
- घर में गंगाजल छिड़क कर वातावरण को शुद्ध करें।
विशेष मान्यता
गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन दान का विशेष महत्व है।
उपसंहार
गंगा दशहरा पवित्रता और मोक्ष का पर्व है। यह दिन याद दिलाता है कि प्रकृति, जल और नदियों का आदर करना चाहिए। गंगा माता हमें सिखाती हैं कि सेवा और त्याग से ही जीवन में सच्ची सफलता और शांति मिलती है।
FAQ गंगा दशहरा 2025 (Ganga Dussera 2025)
प्रश्न 1: गंगा दशहरा (Ganga Dussera 2025) 2025 कब मनाया जाएगा?
उत्तर: गंगा दशहरा 2025 में 4 जून को मनाया जाएगा।
प्रश्न 2: गंगा दशहरा का क्या महत्व है?
उत्तर: गंगा दशहरा उस दिन को मनाने का पर्व है जब माता गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुईं थीं। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 3: गंगा दशहरा पर क्या विशेष कार्य किए जाते हैं?
उत्तर: इस दिन गंगा नदी में स्नान किया जाता है, गंगा माता की पूजा की जाती है, दीप दान किया जाता है और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है।
प्रश्न 4: गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर: मान्यता है कि इस दिन गंगा जी के दर्शन और स्नान से दस प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। इसलिए इसे ‘दशहरा’ कहा जाता है।
प्रश्न 5: अगर गंगा नदी के पास न जा पाएं तो क्या करें?
उत्तर: जो लोग गंगा नदी के पास नहीं जा सकते, वे घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और गंगा माता का ध्यान करते हुए पूजा करें।
प्रश्न 6: गंगा दशहरा पर कौन सा मंत्र पढ़ा जाता है?
उत्तर: ‘ॐ नमः शिवाय गंगायै नमः’ और ‘गंगे च यमुने चैव’ मंत्र का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है।
प्रश्न 7: गंगा दशहरा पर क्या दान करना चाहिए?
उत्तर: इस दिन जल से भरे कलश, फल, अनाज, वस्त्र, पंखा और तिल का दान करना पुण्यकारी होता है।
प्रश्न 8: गंगा दशहरा पर क्या व्रत रखा जाता है?
उत्तर: इस दिन लोग उपवास रखते हैं और गंगा माता की पूजा करके सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
प्रश्न 9: क्या गंगा दशहरा केवल गंगा तट पर मनाया जाता है?
उत्तर: नहीं, इसे देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, विशेष रूप से उन स्थानों पर जहाँ गंगाजल उपलब्ध होता है।
प्रश्न 10: गंगा दशहरा का क्या आध्यात्मिक संदेश है?
उत्तर: गंगा दशहरा का संदेश है कि जीवन में पवित्रता, सरलता, और दान-पुण्य को अपनाकर अपने पापों का प्रायश्चित किया जा सकता है और मोक्ष की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है।