
छठ पूजा 2025: तिथि, महत्व, व्रत विधि और सूर्य अर्घ्य की परंपरा
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना का पर्व है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा चार दिवसीय पर्व होता है। 2025 में छठ पूजा 27 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक मनाई जाएगी।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा स्वास्थ्य, संतान सुख और समृद्धि का पर्व है। इसमें व्रती महिलाएं कठिन उपवास और नियम का पालन करते हुए डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य प्रकृति और सूर्य देवता का आभार प्रकट करना होता है।
छठ पूजा 2025 तिथि (Chhath Pooja 2025 Dates)
- 27 अक्टूबर 2025 (सोमवार) — नहाय-खाय
- 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) — खरना
- 29 अक्टूबर 2025 (बुधवार) — संध्या अर्घ्य
- 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) — उषा अर्घ्य और पारण
व्रत विधि
- पहले दिन नहाय-खाय के साथ व्रती शुद्ध भोजन करते हैं।
- दूसरे दिन खरना पर गन्ने के रस से बनी खीर और रोटी का सेवन कर उपवास शुरू करते हैं।
- तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
- चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है।
सूर्य अर्घ्य की परंपरा
व्रती नदी या तालाब के किनारे पहुंचकर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस समय पूरे परिवार और समाज का साथ व्रत को और पवित्र बना देता है।
क्या करें इस दिन?
- शुद्धता और सात्त्विकता का पालन करें।
- नदी या तालाब किनारे जाकर अर्घ्य दें।
- कद्दू, नारियल, गन्ना, ठेकुआ, और फल चढ़ाएं।
- गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें।
विशेष मान्यता
कहा जाता है कि छठ मैया का आशीर्वाद मिलने से संतान सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है। इस पर्व में पूरी श्रद्धा और नियम पालन करने से इच्छित फल मिलता है।
उपसंहार
छठ पूजा आत्मशुद्धि, संयम और विश्वास का पर्व है। यह दिन हमें प्रकृति और सूर्य की ऊर्जा के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने की प्रेरणा देता है।
FAQs छठ पूजा 2025 (Chhath Pooja 2025)
1. छठ पूजा 2025 कब है?
छठ पूजा 2025 की तिथियां इस प्रकार हैं:
- नहाय खाय — 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
- खरना — 29 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
- संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य) — 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
- उषा अर्घ्य (उगते सूर्य को अर्घ्य) — 31 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार)
2. छठ पूजा का क्या महत्व है?
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पर्व है, जिसमें उनके आशीर्वाद से स्वास्थ्य, समृद्धि, संतान सुख और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की जाती है।
3. छठ पूजा कितने दिनों तक मनाई जाती है?
छठ पूजा चार दिवसीय पर्व है, जिसमें नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य शामिल होते हैं।
4. छठ पूजा कौन करता है?
छठ व्रत मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं, लेकिन कई पुरुष भी इस कठिन तप को निभाते हैं। इसे परिवार की भलाई के लिए किया जाता है।
5. छठ पूजा में क्या नियम होते हैं?
- व्रती को पूर्ण शुद्धता और पवित्रता रखनी होती है।
- 36 घंटे का निर्जल उपवास होता है।
- मिट्टी के बर्तन, बाँस की डलिया, और पारंपरिक वस्तुओं का ही उपयोग होता है।
- व्रत के दौरान शुद्धता, सात्विकता और संयम का पालन अनिवार्य है।
6. छठ पूजा का क्या धार्मिक महत्व है?
यह पर्व सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा को समर्पित है, और माना जाता है कि इनकी उपासना से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
7. छठ पूजा में क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?
ठेकुआ, कसार, गन्ना, नारियल, फल, गाजर, शकरकंदी, और दूध-गुड़ के पकवान चढ़ाए जाते हैं।
8. छठ पूजा की शुरुआत कैसे हुई?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पांडवों की पत्नी द्रौपदी और सूर्य पुत्र कर्ण ने भी छठ पूजा की थी।
9. क्या छठ पूजा में व्रत अनिवार्य है?
हां, जो लोग छठ पूजा का संकल्प लेते हैं, उनके लिए व्रत और नियमों का पालन अनिवार्य होता है।
10. छठ पूजा कहां प्रमुख रूप से मनाई जाती है?
यह पर्व बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब पूरे देश और विदेशों में भी इसकी धूम है।