
परिचय
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यंत महत्व है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत जीवन के सभी पापों को नष्ट कर मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। अजा एकादशी व्रत 2025 का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर उपवास रखा जाता है।
अजा एकादशी का महत्व
अजा एकादशी का महत्व विशेष रूप से पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति से जुड़ा हुआ है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को पूर्व जन्म और इस जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
अजा एकादशी व्रत कथा
प्राचीन कथा के अनुसार, हरिश्चंद्र नामक राजा को एक बार बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्हें सत्य की रक्षा के लिए अपना राज्य, पत्नी और पुत्र तक त्यागना पड़ा। महर्षि गौतम के परामर्श पर उन्होंने अजा एकादशी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से उनके सभी दुख दूर हो गए और उन्हें पुनः अपना राज्य और परिवार प्राप्त हुआ। तब से यह व्रत सभी के लिए कल्याणकारी माना जाता है।
अजा एकादशी व्रत 2025 विधि:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें।
- गंगाजल से शुद्धिकरण करें।
- भगवान विष्णु को तुलसी पत्र, पीले पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- व्रत कथा पढ़ें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन करें।
- अगले दिन ब्राह्मण भोजन कराकर और दान देकर व्रत का पारण करें।
अजा एकादशी व्रत के अद्भुत लाभ:
- सभी पापों का नाश होता है।
- मानसिक शांति और आत्मिक बल मिलता है।
- परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है।
- मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलता है।
- स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन में सुधार होता है।
- भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
FAQs:
Q1. अजा एकादशी व्रत 2025 की तिथि क्या है?
A1. अजा एकादशी व्रत 2025 की तिथि जानने के लिए अपने स्थानीय पंचांग का अवलोकन करें।
Q2. अजा एकादशी व्रत कौन कर सकता है?
A2. यह व्रत पुरुष, महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।
Q3. क्या इस दिन अन्न ग्रहण किया जा सकता है?
A3. व्रत के दिन फलाहार करें और सात्विक भोजन पर ही ध्यान दें।
Q4. अजा एकादशी का मुख्य लाभ क्या है?
A4. इस व्रत से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Q5. पारण कब करना चाहिए?
A5. द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद ब्राह्मण भोजन कराकर और दान देकर व्रत का पारण करें
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